Model School Scheme 2025 : सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत शिक्षा में क्रांति

नई दिल्ली – भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए मॉडल स्कूल योजना (Model School Scheme) के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दस्तावेज के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य देश भर में उच्च गुणवत्ता वाले स्कूल स्थापित करना है, जो विशेष रूप से ग्रामीण और कम सेवा प्राप्त क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाएंगे।

मॉडल स्कूल योजना का उद्देश्य

मॉडल स्कूल योजना का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक ऐसा स्कूल स्थापित करना है, जो आधुनिक सुविधाओं, योग्य शिक्षकों और नवीन शिक्षण पद्धतियों से लैस हो। यह योजना न केवल शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समुदायों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाने पर भी जोर देती है।

इसके तहत, सरकार निजी क्षेत्र के साथ मिलकर स्कूलों का संचालन करेगी, जिसमें निजी भागीदार बुनियादी ढांचे और प्रबंधन में योगदान देंगे, जबकि सरकार नीतिगत दिशानिर्देश और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। यह मॉडल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

  • आधुनिक बुनियादी ढांचा: मॉडल स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं और खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
  • शिक्षक प्रशिक्षण: शिक्षकों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि वे नवीनतम शिक्षण तकनीकों से परिचित रहें।
  • समावेशी शिक्षा: योजना में विशेष रूप से लड़कियों, अनुसूचित जाति/जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग: डिजिटल लर्निंग और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देना ताकि छात्र वैश्विक स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकें।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल

PPP मॉडल के तहत, निजी क्षेत्र को स्कूलों के निर्माण, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी, जबकि सरकार गुणवत्ता नियंत्रण और वित्तीय सहायता सुनिश्चित करेगी। यह मॉडल न केवल सरकारी संसाधनों का बेहतर उपयोग करेगा, बल्कि निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता और नवाचार को भी शिक्षा के क्षेत्र में लाएगा।

शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक गेम-चेंजर साबित होगी। हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, चाहे वह किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से हो।”

चुनौतियां और भविष्य की राह

हालांकि यह योजना आशाजनक है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास, निजी भागीदारों के साथ समन्वय, और गुणवत्ता बनाए रखना कुछ प्रमुख मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके बावजूद, सरकार ने इस योजना को 2025-26 तक पूर्ण रूप से लागू करने का लक्ष्य रखा है।

मॉडल स्कूल योजना के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी भारत में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है। यह न केवल शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि लाखों बच्चों को बेहतर भविष्य की ओर ले जाएगी। इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और समुदायों को मिलकर काम करना होगा।

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