शिमला : हिमाचल प्रदेश में मानसून की बेरहम बारिश ने एक बार फिर तबाही मचा दी है। मौसम विभाग ने राज्य के तीन जिलों – मंडी, कुल्लू और शिमला – के लिए भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है, जो अगले 24 घंटों तक जारी रहने की संभावना है। इस बीच, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में 260 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण इन जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई है। विभाग ने लोगों से घरों के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। साथ ही, नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ और भूस्खलन की संभावना को लेकर भी चेतावनी जारी की गई है।
स्थिति का जायजा
- बंद सड़कें: राज्य में 260 से अधिक सड़कें भूस्खलन और मलबे के कारण अवरुद्ध हैं, जिससे दूरदराज के इलाकों में संपर्क टूट गया है।
- बिजली और पानी की समस्या: भारी बारिश के कारण सैकड़ों ट्रांसफॉर्मर और पेयजल योजनाएँ प्रभावित हुई हैं, जिससे बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हुई है।
- मौत और नुकसान: पिछले कुछ दिनों में मानसून से संबंधित घटनाओं में कई लोगों की जानें जा चुकी हैं, और संपत्ति को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
- बचाव कार्य: एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) की टीमें प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्थिति पर नजर रखने और तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला लिया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- ऊँचाई वाले और जोखिम वाले क्षेत्रों से बचें।
- बाढ़ या भूस्खलन की स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
- मौसम अपडेट के लिए रेडियो, टीवी या आधिकारिक स्रोतों पर नजर रखें।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की यह मार पिछले कुछ हफ्तों से जारी है, और विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति 7 जुलाई तक जारी रह सकती है। राज्यवासियों से अपील है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षित रहें।