शिमला : हिमाचल प्रदेश में सोमवार रात को हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों में एक ही रात में 17 स्थानों पर बादल फटने की खबर है, जिसमें कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग अभी भी लापता हैं।
मंडी में सबसे ज्यादा नुकसान
मंडी जिले में 15 स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि कुल्लू और किन्नौर में एक-एक जगह प्रभावित हुई। करसोग, सराज और धर्मपुर क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई घर, वाहन और गौशालाएं बह गए हैं। एक पूरा गांव पानी के तेज बहाव में बह गया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
राहत और बचाव कार्य जारी
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने अब तक 332 लोगों को सुरक्षित निकाला है। तीन और शव बरामद किए गए हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। लापता लोगों की तलाश में टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाके बचाव कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन और अवैज्ञानिक निर्माण पर सवाल
यह घटना जलवायु परिवर्तन और पहाड़ी क्षेत्रों में अवैज्ञानिक निर्माण के खतरों को फिर से उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अनियोजित विकास और पर्यावरणीय अनदेखी ने पहाड़ी क्षेत्रों को और अधिक संवेदनशील बना दिया है।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए तत्काल सहायता की घोषणा की है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदियों व नालों के पास न जाने की अपील की है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
अधिक जानकारी के लिए प्रशासन के आधिकारिक बयानों का पालन करें।