टेक वर्ल्ड में भूचाल आ गया है! अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B Visa पर सालाना 100,000 डॉलर (करीब 84 लाख रुपये) की नई फीस लगा दी है। ये बदलाव टेक कंपनियों के लिए बड़ा झटका है, खासकर उन भारतीय और चाइनीज वर्कर्स के लिए जो H-1B पर अमेरिका में जॉब कर रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी H-1B Visa और H-4 Visa होल्डर्स को इंटरनल ईमेल भेजकर अलर्ट किया है – “कल यानी 21 सितंबर तक अमेरिका लौट आओ, वरना मुश्किल!” अगर आप H1B visa holders India से हैं या जानते हैं, तो ये न्यूज आपके लिए क्रिटिकल है। आइए, इस Trump H1B visa fee hike की पूरी स्टोरी को सिंपल तरीके से समझते हैं – कोई कॉम्प्लिकेटेड टर्म्स नहीं, जस्ट स्ट्रेट फैक्ट्स।
H-1B Visa फीस हाइक क्या है? ट्रंप का नया एक्जीक्यूटिव ऑर्डर
H1B visa fee increase 2025 ने सुर्खियां बटोर ली हैं। 19 सितंबर को ट्रंप ने एक प्रोक्लेमेशन साइन किया, जिसमें H-1B Visa के लिए कंपनियों को हर साल 100,000 डॉलर पे करना होगा। ये फीस नई एप्लीकेशन्स के लिए है, और मौजूदा वीजा होल्डर्स पर भी असर पड़ेगा। व्हाइट हाउस का कहना है कि ये अमेरिकन वर्कर्स को प्रोटेक्ट करने के लिए है, क्योंकि कुछ कंपनियां H-1B Visa का दुरुपयोग करके लोकल एम्प्लॉयी को रिप्लेस कर रही हैं।
ट्रंप और उनके टीम का तर्क: अमेरिकन्स फर्स्ट!
ट्रंप ने कहा, “टेक इंडस्ट्री को ये पसंद आएगा।” कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने जोड़ा, “अगर ट्रेनिंग करनी है, तो अमेरिकन ग्रेजुएट्स को करो। फॉरेन वर्कर्स को जॉब्स न दो।” व्हाइट हाउस स्टाफ सेक्रेटरी विल शार्फ ने बताया कि H-1B Visa प्रोग्राम का एब्यूज हो रहा था – ये हाई-स्किल्ड वर्कर्स के लिए है, लेकिन कम सैलरी पर लोकल्स को रिप्लेस करने के लिए यूज हो रहा।
फैक्ट शीट के मुताबिक, एक कंपनी ने FY 2025 में 5,189 H-1B अप्रूवल्स लिए, लेकिन 16,000 अमेरिकन जॉब्स कट किए। दूसरी ने 1,698 अप्रूवल्स के साथ 2,400 लोकल्स को फायर किया। ट्रंप का मकसद? कंपनियां सिर्फ रियली हाई-स्किल्ड फॉरेनर्स ही लाएं, जो अमेरिकन्स से रिप्लेस न हो सकें। लेकिन एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि प्रेसिडेंट को ये फीस लगाने का लीगल अथॉरिटी नहीं – कांग्रेस ने सिर्फ प्रोसेसिंग कॉस्ट रिकवर करने की परमिशन दी है।
ग्लोबल इंपैक्ट: टेक सेक्टर पर झटका
ये फीस 65,000 रेगुलर H-1B वीजा और 20,000 एडवांस्ड डिग्री वालों पर अप्लाई होगी। टेक जायंट्स जैसे अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा पर बोझ बढ़ेगा। रॉयटर्स के मुताबिक, ये क्रैकडाउन लीगल इमिग्रेशन को कंट्रोल करने का हिस्सा है।
माइक्रोसॉफ्ट का 24-घंटे अलर्ट: कल तक लौटो, अमेरिका में रुको!
Microsoft H1B visa warning ने एम्प्लॉयी को घबराहट में डाल दिया। रॉयटर्स द्वारा रिव्यूड इंटरनल ईमेल में माइक्रोसॉफ्ट ने साफ कहा: “H-1B वीजा होल्डर्स फॉरसीइएबल फ्यूचर के लिए US में रहें। H-4 वीजा वाले भी यहीं रहें। स्ट्रॉन्गली रेकमेंड – कल 21 सितंबर से पहले US लौट आएं।”
ईमेल की डिटेल्स: क्यों इतना जल्दी?
कंपनी को डर है कि फीस लागू होते ही नए वीजा या एक्सटेंशन्स मुश्किल हो जाएंगे। जो US के बाहर हैं (जैसे भारत में छुट्टी पर), उन्हें इमीडिएट रिटर्न करने को कहा गया। US में मौजूद एम्प्लॉयी को “फॉरसीइएबल फ्यूचर” तक न जाने की सलाह। ये अलर्ट सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट का नहीं – दूसरे टेक फर्म्स भी सिमिलर वार्निंग्स दे रही हैं। Indian H1B workers US return deadline अब ट्रेंड कर रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट पर असर: हजारों भारतीय एम्प्लॉयी
माइक्रोसॉफ्ट में हजारों H-1B Visa वर्कर्स हैं, ज्यादातर इंडियन। FY 2025 के पहले हाफ में माइक्रोसॉफ्ट को 5,000+ H-1B Visa अप्रूवल्स मिले। अमेजन को 12,000+, मेटा को 5,000+। फीस से कंपनियां नए हायरिंग पर ब्रेक लगा सकती हैं, या सैलरी कट कर सकती हैं।
भारत का रोल: H-1B का 71% हिस्सा हमारा!
India H1B visa statistics 2025 चौंकाने वाले हैं। लास्ट ईयर, अप्रूvd H-1B का 71% इंडिया को मिला, चाइना को 11.7%। ये वीजा हाई-स्किल्ड जॉब्स जैसे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, इंजीनियरिंग के लिए हैं। लेकिन ट्रंप का ये मूव भारतीय IT प्रोफेशनल्स के सपनों पर पानी फेर सकता है।
इंडियन टेक वर्कर्स पर इंपैक्ट: क्या होगा आगे?
भारतीय स्टूडेंट्स जो US यूनिवर्सिटीज से ग्रेजुएट होकर H-1B Visa पर जॉब ढूंढते हैं, उनके लिए रोडब्लॉक। कंपनियां अब लोकल हायरिंग पर फोकस करेंगी। लेकिन क्रिटिक्स कहते हैं, ये अमेरिकन टैलेंट शॉर्टेज को और बढ़ाएगा। H1B visa changes impact India सर्च में ये टॉप पर है।
रिएक्शन्स: टेक इंडस्ट्री और एक्सपर्ट्स क्या कह रहे?
Trump H1B executive order reactions मिक्स्ड हैं। ट्रंप ने कहा, “टेक कंपनियां खुश होंगी।” लेकिन इमिग्रेशन एक्सपर्ट आरोन रीचलिन-मेलनिक ने कहा, “प्रेसिडेंट को $100,000 फीस लगाने का कोई लीगल राइट नहीं।” टेक लीडर्स चुप हैं, लेकिन प्राइवेट में वॉर्री कर रहे। इंडियन कम्युनिटी में पैनिक – फेसबुक ग्रुप्स पर “क्या करें?” वाले पोस्ट्स वायरल।
पॉजिटिव vs नेगेटिव: दोनों साइड्स
सपोर्टर्स: अमेरिकन जॉब्स प्रोटेक्ट होंगे। क्रिटिक्स: इनोवेशन रुक जाएगा, क्योंकि टेक पर फॉरेन टैलेंट डिपेंड करता है। वॉशिंगटन पोस्ट ने इसे “लीगल इमिग्रेशन पर ब्रेक” कहा।
कन्क्लूजन: भारतीय H-1B होल्डर्स, अलर्ट रहें!
दोस्तों, Microsoft 24-hour deadline H1B एक वेक-अप कॉल है। अगर आप H-1B पर हैं, तो फ्लाइट बुक करें और US लौटें। ये H1B visa Trump policy लॉन्ग-टर्म में चेंज लाएगा। इंडिया से US जॉब्स का ड्रीम अब मुश्किल, लेकिन ऑप्शन्स जैसे कनाडा, यूरोप एक्सप्लोर करें। कमेंट्स में शेयर करें – आपका क्या प्लान है? स्टे सेफ, स्टे इनफॉर्म्ड!