नई दिल्ली, 5 जुलाई 2025: आज के समय में रसोई गैस सिलेंडर (LPG Cylinder) भारतीय घरों का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल खाना पकाने का एक सुविधाजनक और स्वच्छ साधन है, बल्कि इसका सुरक्षित उपयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है। बहुत कम लोग इस बात से अवगत हैं कि एलपीजी सिलेंडर की भी एक एक्सपायरी डेट होती है, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। सिलेंडर की एक्सपायरी डेट की जांच करना न केवल आपके परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि यह बड़े हादसों जैसे गैस रिसाव या विस्फोट को रोकने में भी मदद करता है। आइए जानते हैं कि आप अपने गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट कैसे चेक कर सकते हैं।
एलपीजी सिलेंडर की एक्सपायरी डेट क्या होती है?
एलपीजी सिलेंडर कम कार्बन स्टील से बने होते हैं और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS 3196) के मानकों के अनुसार निर्मित होते हैं। ये सिलेंडर पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) की मंजूरी के बाद ही बाजार में आते हैं। सिलेंडर की कोई निश्चित एक्सपायरी डेट नहीं होती, बल्कि एक वैधानिक परीक्षण तिथि (Statutory Testing Due Date) होती है, जिसके बाद सिलेंडर को उपयोगिता के लिए दोबारा जांचा जाता है। यह परीक्षण हर 5 साल में किया जाता है, जिसमें सिलेंडर की मजबूती और सुरक्षा की जांच की जाती है। यदि सिलेंडर इस परीक्षण में विफल हो जाता है, तो उसे उपयोग के लिए अयोगे घोषित कर दिया जाता है।
एक्सपायरी डेट कहां लिखी होती है?
एलपीजी सिलेंडर की एक्सपायरी डेट, जिसे तकनीकी रूप से टेस्टिंग ड्यू डेट कहा जाता है, सिलेंडर के ऊपरी हिस्से पर मौजूद तीन धातु की पट्टियों (श्राउड) में से एक पर लिखी होती है। यह कोड अंग्रेजी अक्षर (A, B, C, या D) और दो अंकों के संयोजन में होता है, जैसे A-25, B-26, C-27, या D-28।
कोड का अर्थ:
- A: जनवरी से मार्च (पहली तिमाही)
- B: अप्रैल से जून (दूसरी तिमاهی)
- C: जुलाई से सितंबर (तीसरी तिमाही)
- D: अक्टूबर से दिसंबर (चौथी तिमाही)
- अंक: यह उस वर्ष को दर्शाते हैं जिसमें सिलेंडर की टेस्टिंग ड्यू है। उदाहरण के लिए, D-25 का मतलब है कि सिलेंडर की टेस्टिंग अक्टूबर-दिसंबर 2025 तक होनी चाहिए।
उदाहरण के तौर पर, यदि आपके सिलेंडर पर B-26 लिखा है, तो इसका मतलब है कि सिलेंडर अप्रैल-जून 2026 तक उपयोग के लिए सुरक्षित है। इसके बाद इसे टेस्टिंग के लिए गैस एजेंसी को लौटाना होगा।
सिलेंडर की एक्सपायरी डेट चेक करने के लिए कदम
- सिलेंडर का निरीक्षण करें: सिलेंडर के ऊपरी हिस्से पर मौजूद धातु की पट्टियों को ध्यान से देखें। यह पट्टियां सिलेंडर के हैंडल को जोड़ती हैं।
- कोड की पहचान करें: A, B, C, या D के साथ दो अंकों वाला कोड ढूंढें। यह कोड आमतौर पर पेंट से लिखा होता है।
- तारीख को समझें: अक्षर और अंक को मिलाकर यह समझें कि सिलेंडर की टेस्टिंग कब तक होनी है।
- एजेंसी से संपर्क करें: यदि कोड अस्पष्ट है या सिलेंडर की टेस्टिंग ड्यू डेट निकल चुकी है, तो तुरंत अपनी गैस एजेंसी से संपर्क करें।
सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सुझाव
- वजन और सील की जांच: सिलेंडर लेते समय उसका वजन और सील की स्थिति जरूर जांचें। अगर सील टूटी हुई या कमजोर है, तो सिलेंडर स्वीकार न करें।
- लीकेज की जांच: सिलेंडर में रिसाव की जांच के लिए साबुन के पानी का उपयोग करें। यदि रेगुलेटर या वाल्व के पास बुलबुले बनते हैं, तो यह गैस रिसाव का संकेत हो सकता है।
- सुरक्षित भंडारण: सिलेंडर को हमेशा खुले और हवादार स्थान पर रखें। दो या अधिक सिलेंडरों को एक साथ न रखें, क्योंकि इससे हादसे का खतरा बढ़ सकता है।
- आपातकालीन नंबर: यदि गैस रिसाव का संदेह हो, तो तुरंत घर के खिड़की-दरवाजे खोलें और 1906 पर कॉल करें। यह नंबर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा 24×7 शिकायतों के लिए उपलब्ध है।
सिलेंडर की आयु और टेस्टिंग
एक एलपीजी सिलेंडर की औसत आयु 15 वर्ष होती है, और इस दौरान इसे दो बार टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है – पहली बार 10 साल बाद और दूसरी बार 5 साल बाद। टेस्टिंग में हाइड्रोस्टैटिक टेस्ट, बर्स्ट टेस्ट, और प्रेशर साइक्लिंग टेस्ट शामिल होते हैं। यदि सिलेंडर इन परीक्षणों में पास नहीं होता, तो उसे स्क्रैप कर दिया जाता है।
क्यों जरूरी है एक्सपायरी डेट की जांच?
एक्सपायरी डेट पार कर चुके सिलेंडर पुराने हो जाते हैं और गैस का दबाव सहन नहीं कर पाते। इससे रिसाव या विस्फोट का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे सिलेंडर का उपयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए। भारत में कई गैस कंपनियां, जैसे SHIVGAS, यह सुनिश्चित करती हैं कि एक्सपायरी डेट पार कर चुके सिलेंडर बाजार में न आएं। फिर भी, डिलीवरी लेते समय सतर्कता बरतना जरूरी है।
जागरूकता की कमी
हालांकि गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट की जानकारी महत्वपूर्ण है, लेकिन कई उपभोक्ता और यहां तक कि कुछ गैस एजेंसी कर्मचारी भी इसके बारे में पूरी तरह अवगत नहीं हैं। वाराणसी में 2012 में हुए एक सर्वे में पाया गया कि 100 में से 10 सिलेंडर एक्सपायरी डेट पार कर चुके थे, जो उपभोक्ताओं तक पहुंच गए।
एलपीजी सिलेंडर की एक्सपायरी डेट की जांच करना एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है, जो आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। अगली बार जब आप सिलेंडर की डिलीवरी लें, तो उसकी टेस्टिंग ड्यू डेट जरूर चेक करें। अधिक जानकारी के लिए अपनी गैस एजेंसी या आधिकारिक वेबसाइट जैसे https://www.iocl.com पर संपर्क करें।