PLI Scheme : भारत की इंडस्ट्रियल क्रांति को पावर देने वाली सुपरहिट पहल

PLI Scheme Powering India’s

नमस्ते दोस्तों, भारत की मैन्युफैक्चरिंग स्टोरी में एक नया चैप्टर खुल गया है। PLI Scheme यानी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम, जो आत्मनिर्भर भारत को हकीकत बनाने का बड़ा हथियार बन चुकी है। ये स्कीम न सिर्फ फैक्टरियों को बूस्ट दे रही है, बल्कि लाखों जॉब्स क्रिएट कर रही है और भारत को ग्लोबल मार्केट में सुपर पावर बना रही है। अगर आप Atmanirbhar Bharat के फैन हैं, तो ये न्यूज आपके लिए स्पेशल है। आज हम PLI Scheme 2025 के लेटेस्ट अपडेट्स को सिंपल तरीके से कवर करेंगे – बिना किसी हेवी टर्म्स के, जस्ट ईजी रीड।

PLI स्कीम क्या है? एक सिंपल ओवरव्यू

Production Linked Incentive Scheme को 2020 में लॉन्च किया गया था। इसका मकसद? भारत को इंपोर्ट पर डिपेंडेंट से बाहर निकालना और मैन्युफैक्चरिंग को GDP का 25% हिस्सा बनाना। कुल आउटले ₹1.97 लाख करोड़ का है, जो 14 स्ट्रैटेजिक सेक्टर्स को कवर करता है।

बैकग्राउंड: कैसे शुरू हुई ये जर्नी?

पहले, भारत का सर्विस सेक्टर GDP का 50% से ज्यादा हैंडल करता था। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट करने के लिए सरकार ने PLI Scheme India लॉन्च की। अप्रैल 2020 में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और मेडिकल डिवाइसेस से शुरुआत हुई। फिर धीरे-धीरे 13 और सेक्टर्स ऐड हो गए, जैसे ऑटोमोबाइल्स, टेक्सटाइल्स और सोलर PV मॉड्यूल्स।

2021 में फार्मा के लिए ₹15,000 करोड़ का PLI अप्रूव्ड हुआ। सितंबर 2021 में ऑटो सेक्टर के लिए ₹25,938 करोड़। ड्रोन्स के लिए ₹120 करोड़। ये सब ने इंडस्ट्री को अट्रैक्ट किया। नोवेम्बर 2024 तक कमिटेड इन्वेस्टमेंट्स ₹1.61 लाख करोड़ पहुंच गईं। मार्च 2025 तक रियलाइज्ड इन्वेस्टमेंट्स ₹1.76 लाख करोड़ हो गईं, और 806 एप्लीकेशन्स अप्रूव्ड। Make in India को रियल बनाने में PLI का बड़ा रोल है।

क्यों कामयाब हो रही है PLI?

ये स्कीम परफॉर्मेंस बेस्ड है। कंपनियां प्रोडक्शन बढ़ाएं, सेल्स बढ़ाएं, तो इंसेंटिव्स मिलें। ये मॉडल डोमेस्टिक और ग्लोबल प्लेयर्स को खींचता है। टेक्नोलॉजी एडॉप्शन को प्रमोट करता है और स्केल अप करने में मदद करता है। 2025-26 बजट में PLI के लिए अलोकेशन 108% बढ़ा दिया गया, जो दिखाता है सरकार की कमिटमेंट।

टॉप परफॉर्मिंग सेक्टर्स: कहां हो रहा कमाल?

PLI Scheme sectors में 14 कैटेगरी हैं – चिप्स से केमिकल्स तक। कुछ हाइलाइट्स देखिए।

इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग: फ्लैगशिप सक्सेस

ये सेक्टर PLI का स्टार है। नेशनल पॉलिसी ऑन इलेक्ट्रॉनिक्स 2019 के साथ मिलकर, Electronics PLI Scheme ने प्रोडक्शन को 146% बूस्ट दिया – FY 2020-21 के ₹2.13 लाख करोड़ से FY 2024-25 में ₹5.25 लाख करोड़। स्मार्टफोन कंपनियां इंडिया शिफ्ट हो रही हैं। भारत अब दुनिया का बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया। India Semiconductor Mission के साथ ₹76,000 करोड़ का पैकेज, जो चिप डिजाइन और फैब्रिकेशन को सपोर्ट करता है।

ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स: EV हब बनने की राह

₹67,690 करोड़ के कमिटेड इन्वेस्टमेंट्स। मार्च 2024 तक ₹14,043 करोड़ इन्वेस्ट हो चुके, 28,884 जॉब्स क्रिएटेड। Automobile PLI Scheme FAME इनिशिएटिव के साथ मिलकर EV और क्लीन टेक को प्रमोट कर रहा है। 19 कैटेगरी के एडवांस्ड व्हीकल्स और 103 कंपोनेंट्स को इंसेंटिव्स। भारत ग्लोबल EV हब बनेगा।

फूड प्रोसेसिंग: लोकल फूड को ग्लोबल टच

171 अप्रूव्ड एप्लीकेशन्स। ₹8,910 करोड़ इन्वेस्टमेंट्स, ₹1,084 करोड़ इंसेंटिव्स डिस्बर्स्ड। PM-FME और PMKSY के साथ, ये स्कीम प्रोसेसिंग यूनिट्स को मॉडर्नाइज कर रही है। इंडियन फूड प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग और एक्सपोर्ट्स बूस्ट हो रही हैं।

फार्मास्यूटिकल ड्रग्स: इंपोर्ट से एक्सपोर्ट तक का सफर

पहले इंपोर्ट डिपेंडेंट थे, अब नेट एक्सपोर्टर। FY 2021-22 में ₹1,930 करोड़ डेफिसिट था, FY 2024-25 में ₹2,280 करोड़ सरप्लस। PLI के पहले तीन सालों में ₹2.66 लाख करोड़ सेल्स, ₹1.70 लाख करोड़ एक्सपोर्ट्स। डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन 83.70% पहुंच गया। Pharma PLI Scheme ने सप्लाई चेन को स्ट्रॉन्ग बनाया।

सोलर PV मॉड्यूल्स: एनर्जी सिक्योरिटी का बूस्टर

ट्रांच I और II से 48 GW मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी क्रिएट होगी। ₹48,120 करोड़ इन्वेस्टमेंट्स, 38,500 डायरेक्ट जॉब्स। इंपोर्ट डिपेंडेंसी कम हो रही, नेशनल सोलर मिशन को सपोर्ट।

सेमीकंडक्टर्स: चिप्स की नई स्टोरी

6 अप्रूव्ड प्रोजेक्ट्स रनिंग हैं। हाल ही में ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में 4 नई यूनिट्स को अप्रूव्ड। India Semiconductor Mission के तहत ₹4,600 करोड़, 2,034 डायरेक्ट जॉब्स। 2030 तक सेल्फ-रिलायंट इकोसिस्टम का टारगेट।

टेक्सटाइल्स: एक्सपोर्ट्स में उछाल

₹10,683 करोड़ आउटले। MMF एक्सपोर्ट्स FY 2024-25 में ₹525 करोड़ (पिछले साल ₹499 करोड़ से अप)। टेक्निकल टेक्सटाइल्स ₹294 करोड़। RoSCTL और RoDTEP स्कीम्स के साथ, एक्सपोर्ट्स को जीरो-रेटेड सपोर्ट।

व्हाइट गुड्स (ACs और LED लाइट्स): लोकल मैन्युफैक्चरिंग बूस्ट

अप्रैल 2021 में लॉन्च, ₹6,238 करोड़ आउटले। डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन 20-25% से 75-80% तक जाएगा। ₹281.4 करोड़ इंसेंटिव्स डिस्बर्स्ड। हाल ही में 15 सितंबर से 14 अक्टूबर 2025 तक एप्लीकेशन विंडो री-ओपन की गई, क्योंकि इंडस्ट्री में इन्वेस्टमेंट का क्रेज बढ़ा है। 83 बेनेफिशरी ₹10,406 करोड़ इन्वेस्ट कर रहे। कंपोनेंट्स जैसे कंप्रेसर्स, LED चिप्स अब लोकल बन रहे।

परफॉर्मेंस सो फार: नंबर्स स्पीक लाउड

नोवेम्बर 2024 तक ₹1.61 लाख करोड़ कमिटेड। मार्च 2025 तक ₹1.76 लाख करोड़ रियलाइज्ड। टोटल सेल्स ₹16.5 लाख करोड़ क्रॉस। 12 लाख+ डायरेक्ट और इंडायरेक्ट जॉब्स। FDI का नया वेव, टियर-2/3 सिटीज में क्लस्टर्स डेवलप हो रहे – जैसे गुजरात में सेमीकंडक्टर पार्क्स, सूरत में MMF क्लस्टर्स। MSMEs को रिपल इफेक्ट, सप्लाई चेन में नई वेंडर्स। 2025-26 में बजट बूस्ट से ग्रोथ तेज।

PLI Scheme का फ्यूचर ब्राइट

PLI Scheme success से भारत इंपोर्ट्स से ग्लोबल प्लेयर बन रहा। इन्वेस्टमेंट्स, एक्सपोर्ट्स, जॉब्स – सब बढ़ रहे। सनराइज सेक्टर्स को बैकिंग, इनोवेशन को पावर। ये स्कीम फैक्टरियों को ही नहीं, भारत की इकोनॉमी को रीशेप कर रही। Viksit Bharat का ड्रीम PLI से करीब।

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